सुनहरा कल
ज़िंदगी अच्छी है
समय आ रहा है
छिपकली गिलहरी है
मुर्चुनगे धुन बजा रहे हैं
झलमला झलमल जूनाकिरी
पूर्णी का जून सज रहा है।
हमारा कल
खुला दिल
हंसने का समय आ रहा है
इंद्रधनुष के रंग को चित्रित करके
अजगर के पंख लगाकर
नीलांबर को तुरंत कुचला जा रहा है
हिमालय के गाल
हमारे देश में अच्छा भेस में
सूरज तेज चमक रहा है
यह पहाड़ी के पार गिर रहा है
दर्द की रात काली है
यह हिमाचली में जल रहा है
चेतना का प्रभात
अब अपनी आंच को हल्का कर दें
रोने का समय आ रहा है
बादल के साथ डेट लेकर आया
मदाल में गाना
धान के खेत में तीसरा भाई
नया नेपाल स्थापित किया जा रहा है
जीवन हमारा है
बेहतर
समय आ रहा है।